Shri Parshuram Jayanti : Wed, 18 April 2018
वैशाख शुक्ल पक्ष की प्रदोष व्यापिनी तृतीया तिथि में श्रीपरशुराम जयंती मनाई जाती है | - धर्मसिन्धु
भविष्य पुराण के अनुसार वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि की रात्रि के प्रथम प्रहर (प्रदोष) में भगवान श्रीपरशुरामजी का अंशावतार हुआ था |
Aakha Teej (Akshaya Tritiya) : Wed, 18 April 2018
सूर्योदय कालीन वैशाख शुक्ल तृतीया
Akshaya Muhurta - 5.57 am to 12.21 pm
(Tritiya Tithi: until 01: 29 hrs, 19 April 2018)
Akshaya Tritiya, also known as “Akha Teej”, is traditionally the birthday of Lord Parasurama, the sixth incarnation of Lord Vishnu. People conduct special Pujas on this day, bathe in holy rivers, make a charity, offer barley in a sacred fire, and worship Lord Ganesha & Devi Lakshmi on this day.Akshaya Muhurta - 5.57 am to 12.21 pm
(Tritiya Tithi: until 01: 29 hrs, 19 April 2018)
Akshaya Tritiya marks the beginning of the Treta Yug. The birthday of Parashurama, the sixth incarnation of Vishnu falls on this day. In the “Puranas”, the holy Hindu scriptures, there is a story that says that on this day of Akshay Tritiya Vedavyas along with Lord Ganesha started writing the great epic Mahabharata. Ganga Devi or Mother Ganges also descended to earth on this day.
This is one of the most auspicious days according to the Hindu calendar. The day on which Moon, Sun and Jupiter unitedly come under Mrigshira Nakshatra is called Akshay Tritiya.
"Akshay Tritiya",the holy day when many perform puja to start a business. According to the Hindu customs, many choose to perform the pujas for Business,bathe in holy rivers, make a charity, offer barley in a sacred fire, and worship Lord Ganesha & Devi Lakshmi on the holy day of "Akshay Tritiya". It is considered a good time to invest in gold and diamonds. It is believed that whatever is bought on this day, will remain forever.
शास्त्रों में अक्षय तृतीया एवं अक्षय तृतीया का माहात्म्य
# शुभ व पूजनीय कार्य इस दिन होते हैं, जिनसे प्राणियों (मनुष्यों) का जीवन धन्य हो जाता है।
# इस दिन से सतयुग और त्रेतायुग का आरंभ माना जाता है।
# श्री परशुरामजी का अवतरण भी इसी दिन हुआ था।
# इसी दिन श्री बद्रीनारायण के पट खुलते हैं।*
# नर-नारायण ने भी इसी दिन अवतार लिया था।
# हयग्रीव का अवतार भी इसी दिन हुआ था।
# वृंदावन के श्री बाँकेबिहारीजी के मंदिर में केवल इसी दिन श्रीविग्रह के चरण-दर्शन होते हैं अन्यथा पूरे वर्ष वस्त्रों से ढँके रहते हैं।
# जो मनुष्य इस दिन गंगा स्नान करता है, उसे पापों से मुक्ति मिलती है।
# इस दिन परशुरामजी की पूजा करके उन्हें अर्घ्य देने का बड़ा माहात्म्य माना गया है।
# श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि यह तिथि परम पुण्यमय है। इस दिन दोपहर से पूर्व स्नान, जप, तप, होम, स्वाध्याय, पितृ-तर्पण तथा दान आदि करने वाला महाभाग अक्षय पुण्यफल का भागी होता है।