प्रस्तुत वर्ष दीपावली का पर्व Thu, 19 October 2017 की अमावस एवं चित्रा नक्षत्र योग मे होगा। दीपावली मे अमावस तिथि, प्रदोष, निशीथ एवं महानीशीथ काल तथा तुला का सुर्य वा तुला का चंद्रमा विशेष महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
Diwali (Laxmi Puja) Muhurta 2017
प्रदोष काल - अपने नगर के सुर्यास्त से लेकर 2 घन्टे 40 मिनट तक का समय | अर्थात Delhi (India) मे प्रदोष काल सांय सुर्य अस्त 5 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर रात 8 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।
Delhi मे स्थिर लग्न (वृष) की व्याप्ति रात्रि 19:11 से 21:06 बजे तक रहेगी।
अतेव सांय 19:11 बजे से रात 20:16 तक का प्रदोष काल विशेष रूप से श्री गणेश, श्री महालक्ष्मी पूजन, कुबेर पूजन, बसना अर्थात Accounts Books बही खातो का पूजन, दीपदान, अपने आश्रितों को Sweets, Gifts आदि बांटना तथा धर्मस्थलो पर दानादि करना कल्याणकारी होगा।
निशीथ काल (Nisheetha Kaal) में श्री महालक्ष्मी पूजन, नवग्रह पूजन, स्तोत्र, काम्य मन्तरों के जपानुष्ठान तथा ब्रह्मणो को यथा शक्ति वस्तर (cloth), फल, अनाज धन आदि का दान करना शुभ होता है।
Mahanisheetha Kaal : 23.40 to 24:31+ (Midnignt)
दीपावली पूजन महानिशीथकाल में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, जिसमें पूजन शास्तरोक्त विधि अनुसार करना अनिवार्य है। महानिशीथकाल में मुख्यतः तांत्रिक , ज्योतिषविद, वेद्पाठी, विद्वान, ब्राह्मण, अघोरी, विधिवत, यंत्र मंत्र तंत्र द्वारा, विभिन्न शक्तियों का पूजन करते हैं एवं उनका आवाहान करते हैं।
सिंह लग्न : 25:41+ to 27:59+
(Without Amavasya Tithi)
Chaughadia Muhurat for Businesses (India)
1. इस वर्ष अमावस, प्रदोष काल एवं वृष लग्न का विशेष महत्व रहेगा तथा यथासंभव इस काल में पूजन प्रारंभ कर लेना चाहिए |
2. निशीथ काल में श्रीसूक्त, कनकधारा स्तोत्र एवं लक्ष्मी स्तोत्र आदि मंत्रो का जपानुष्ठान करें |
3. महानिशीथ काल में तंत्र-मंत्र-यन्त्र एवं याज्ञिक क्रिया का संपादन करें |
P.S: Time is believed to be correct.
दीपावली पूजन के पश्चात गृह में एक चौमुखा दीपक रात भर जलता रहना लक्ष्मी एवं सौभाग्य में वृध्दि का प्रतीक माना जाता है।
अतेव सांय 19:11 बजे से रात 20:16 तक का प्रदोष काल विशेष रूप से श्री गणेश, श्री महालक्ष्मी पूजन, कुबेर पूजन, बसना अर्थात Accounts Books बही खातो का पूजन, दीपदान, अपने आश्रितों को Sweets, Gifts आदि बांटना तथा धर्मस्थलो पर दानादि करना कल्याणकारी होगा।
निशीथ काल (Nisheetha Kaal) में श्री महालक्ष्मी पूजन, नवग्रह पूजन, स्तोत्र, काम्य मन्तरों के जपानुष्ठान तथा ब्रह्मणो को यथा शक्ति वस्तर (cloth), फल, अनाज धन आदि का दान करना शुभ होता है।
Mahanisheetha Kaal : 23.40 to 24:31+ (Midnignt)
दीपावली पूजन महानिशीथकाल में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, जिसमें पूजन शास्तरोक्त विधि अनुसार करना अनिवार्य है। महानिशीथकाल में मुख्यतः तांत्रिक , ज्योतिषविद, वेद्पाठी, विद्वान, ब्राह्मण, अघोरी, विधिवत, यंत्र मंत्र तंत्र द्वारा, विभिन्न शक्तियों का पूजन करते हैं एवं उनका आवाहान करते हैं।
सिंह लग्न : 25:41+ to 27:59+
(Without Amavasya Tithi)
Chaughadia Muhurat for Businesses (India)
1. इस वर्ष अमावस, प्रदोष काल एवं वृष लग्न का विशेष महत्व रहेगा तथा यथासंभव इस काल में पूजन प्रारंभ कर लेना चाहिए |
2. निशीथ काल में श्रीसूक्त, कनकधारा स्तोत्र एवं लक्ष्मी स्तोत्र आदि मंत्रो का जपानुष्ठान करें |
3. महानिशीथ काल में तंत्र-मंत्र-यन्त्र एवं याज्ञिक क्रिया का संपादन करें |
P.S: Time is believed to be correct.
दीपावली पूजन के पश्चात गृह में एक चौमुखा दीपक रात भर जलता रहना लक्ष्मी एवं सौभाग्य में वृध्दि का प्रतीक माना जाता है।
|| Happy Diwali ||