लक्ष्मी पूजन में पंद्रह के यन्त्र का विशेष महत्व है । यह यन्त्र ऋण व दरिद्रता का नाश करके अन्न धन व्यापार की वृद्धि करने वाला है । इस यन्त्र को लक्ष्मी पूजन से पहले अपने घर के दरवाजे या दूकान के दरवाजे के दोनों और सिन्दूर हल्दी घी मिश्रित घोल से लिखना चाहिये ।
यन्त्र लिखने का शुभ मुहूर्त - 10:45 AM to 12:05 PM
(alternate time 14:45 to 17:26 )
Wed, 11 Nov 2015
(alternate time 14:45 to 17:26 )
Wed, 11 Nov 2015
* पंडित की कोई आवश्यकता नहीं है
ब्राह्मण , क्षत्रिय , वैश्य एवं शूद्र - सभी के लिए यन्त्र का नंबर अलग अलग है ।
ब्राह्मणो एवं पंडितो के लिए
८ |
१
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६
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३
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५
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७
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४
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९
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२
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क्षत्रियों के लिए
४ |
३
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८
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९
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५
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१
|
२
|
७
|
६
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वैश्य व व्यापारियों के लिए
२ |
९
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४
|
७
|
५
|
३
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६
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१
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८
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शूद्रों के लिए
६ |
७
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२
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१
|
५
|
९
|
८
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३
|
४
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नोट : अपने कर्म के हिसाब से ही यन्त्र बनायें । ब्राह्मण अगर व्यापार कर रहा है तो वैश्य वाला यन्त्र बनाये ।